1. पाचन में सुधार:
भोजन के बाद सौंफ एक मुख्य खाद्य पदार्थ क्यों है? इलायची की प्रकृति 'वातहर' है और यह पाचन को बढ़ाने, पेट की सूजन को कम करने, हृदय की जलन को दूर करने और मतली को रोकने में मदद करती है। माना जाता है कि यह श्लेष्मा झिल्ली को शांत करती है ताकि वह ठीक से कार्य कर सकें और जिससे अंततः एसिडिटी और पेट की खराबी के लक्षणों से राहत मिलती है। इसके अलावा, आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार यह पेट में जल और वायु के गुणों को कम करती है जिससे वह भोजन को कुशलता से पचाने में सक्षम होता है।ध्यान रखे : यदि आपको बदहजमी है तो दो से तीन इलायची, अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा, थोड़ी सी लौंग और धनिया के कुछ बीज लें। इन्हें अच्छी तरह से पीसकर गर्म पानी के साथ खाएं। अपच, सूजन और गैस के लिए यह एक त्वरित उपचार है
2. मुंह की दुर्गंध को समाप्त करता है :
यदि आपके मुंह से दुर्गंध आती है और आप उपचार की हर कोशिश कर चुके हैं तो इलायची खाइए। एंटीबैक्टीरियल गुण, तेज स्वाद और एक भीनी सी महक होती है इसमें । यह आपके पाचन तंत्र को भी सुधारती है।ध्यान रखे : भोजन के बाद एक इलायची चबाएं। अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और डिटोक्सिफाई करने के लिए वैकल्पिक रूप से हररोज़ सुबह इलायची की चाय पी सकते हैं। मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए भी ये लाभकारी है।
3. एसिडिटी से निजात :
इलायची में उपस्थित तेल इसे एसिडिटी का प्रमुख उपचार बनाकर आपके पेट की श्लैष्मिक लाइनिंग को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। आपकी लार में वृद्धि करने में भी आपकी मददगार है। इलायची चबाने पर आवश्यक तेल निकलते हैं जो आपकी लार ग्रंथियों को उत्तेजित करते हैं जिससे आपका पेट ठीक प्रकार से कार्य करती है परिणामस्वरूप आपकी भूख में सुधार होता है और एसिडिटी में कमी होती हैं। इलायची का तेल एक ठंडा स्वाद और अनुभूति प्रदान करते हैं जो आपको एसिडिटी से होने वाली जलन को दूर करते हैं।ध्यान रखे : भोजन के बाद एक इलायची चबाएं। आप खाने के एकदम बाद बैठने से बचें, इसके बजाय इलायची चबाते हुए कुछ देरटहलिये जिससे आप बेहतर महसूस करेंगे।
4. सांस की बीमारियों में सहायक:
इलायची फेफड़ों में रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर सांस संबंधित समस्याओं जैसे अस्थमा, खांसी और ज़ुकाम आदि से राहत दिलाती है। आयुर्वेद में इलायची को एक गर्म मसाला माना गया है जो शरीर को अंदर से गर्म करता है जिससे कफ को निकालकर राहत दिलाता है।ध्यान रखे : सर्दी, खांसी या छाती में जमाव है तो इलायची सबसे बेहतर प्राकृतिक उपचार है। आपको केवल इतना करना है कि भाप लेते समय गर्म पानी के बर्तन में इलायची के आवश्यक तेल की कुछ बूंदें डालें।
सर्दी या खांसी से परेशान हैं? यहाँ कुछ प्राकृतिक उपचार है जो आपको तत्काल राहत दे सकते हैं।5. हृदय रेट को नियमित करना: पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर इलायची आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स के लिए एक सोने की खान है। पोटैशियम आपके रक्त, शरीर के तरल पदार्थ और कोशिकाओं का एक मुख्य तत्व है। इन आवश्यक खनिजों की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति करके इलायची आपके हृदय रेट को नियमित करने में मदद करता है और आपके रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।